बात बड़ी है कुर्सी की
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जिसको देखो नचा रही है, बात बड़ी है कुर्सी की
आंख कान सब बंद पड़े, औकात बड़ी है कुर्सी की
एक तुम सारे भूखे नंगे रोटी दाल में लुट गये
जरा वजीर ने किया इशारा खड़े खड़े ही पिट गये
चुप रहो बस मुंह मत खोलो, जात बड़ी है कुर्सी की
बात बडी है कुर्सी की
इसे बिठाया उसे गिराया हरदम रेलमपेल नयी
जोड तोड़ के ठोक ठाक के चला रहे है रेल नयी
हाथ जोड़कर कांप रहे, सौगात बड़ी है कुर्सी की
बात बडी है कुर्सी की
पागल होकर नोंच रहे एक दूजे को चौराहे पर
इसको मारा उसको फूंका लाचार लाज चौराहे पर
अभी वक्त है बचकर रहना, घात बड़ी है कुर्सी की
बात बड़ी है कुर्सी की
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